Romantic Shayari: मोहब्बत की खूबसूरत शायरी का खजाना
Romantic Shayari: मोहब्बत की खूबसूरत शायरी का खजाना
Romantic Shayari: की इस अनमोल दुनिया में प्यार के हर एहसास को गहराई से महसूस करें। इज़हार के लिए सबसे खास शायरी का संग्रह।
#Romantic Shayari: दिल छू लेने वाली शायरियों का संग्रह

खूबसूरत सा वो एक पल था
पर क्या करे वो मेरा कल था

जो सामने ज़िक्र नहीं करते वो
अन्दर ही अन्दर फ़िक्र बहुत करते है

कभी नजर न लगे तेरी मुस्कान को
दुनिया की हर खुसी मिले मेरी जान को

नखरे तुम्हारे सारी ज़िन्दगी उठायेंगे
हर बार तुम रूठना और हम मनायेंगे

जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर

थोड़े नादान थोड़े बदमाश हो तुम
मगर जैसे भी हो,मेरे लिए मेरी जान हो तुम

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें
आंसू बहाऊं,पाँव पटकूं और पा लूँ तुम्हे

बेहिसाब हसरतें ना पालिये
जो मिला है उसे सम्भालिये

ये तुम जो मेरा हाल पूछते हो
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो

बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट के आ जा किसी बहाने से

जिसके लफ्जों में हमे अपना अक्स मिलता है
बड़े नसीबो से ऐसा कोई शख्स मिलता है
Romantic Shayari: अपने दिल की बात शायरी में कहें

एक नींद है जो आती ही नहीं
और एक उसकी यादें है जो जाति ही नहीं

दिल जोर दे धड़का और सास कुछ तेज हुई
जब उसने मुझे छुआ मेरी पूरी जिंदगी उसकी नाम हुई

हमे क्या पता था कि मोहब्बत हो जायेगी
हमें तो बस उनका मुस्कुराना ही अच्छा लगा था

पता नही तुमसे ऐसा क्या रिश्ता है
दर्द कोई भी हो पर याद तुम्हारी आती हैं

जिंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे

किसी की आदत बन जाओ
मोहब्बत खुद ब खुद हो जाएगी
Romantic Shayari: इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए खास शायरी

कुछ कस्में हैं जो हम आज भी निभा रहे हैं
तुम्हें चाहते थे और तुम्हें ही चाह रहे हैं

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

किस्मत भी हम पर क़यामत ढा गयी
हम उनके लिए जगे,उन्हें नींद आ गयी

किसी को चाहो तो इतना चाहो कि
किसी और को चाहने की चाहत ही न रहे

सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं

नजर अंदाज करने वाले,तेरी कोई ख़ता ही नही
मोहब्बत क्या होती है,शायद तुझको पता ही नही

तेरी बातें तेरी यादें और तेरे ही फ़साने हैं
लो कबूल करते हैं हम तेरे ही दीवाने हैं

आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना

वो भी क्या जिद थी,जो तेरे-मेरे बीच एक हद थी
मुलाकात मुकम्मल ना सही,मोहब्बत बेहद थी

अपनी बातों में इश्क़ मिला देते हो
हकीम भी परेशान हैं कौन सी दवा देते हो

चलो सिक्का उछाल के कर लेते हैं फैसला आज
चित आये तो तुम मेरे,और पट आये तो हम तेरे

अपनी कलम से “दिल से दिल” तक की बात करते हो
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो

जो उसकी आँखों से बयां होते है
वो लफ्ज़ किताबों में कहा होते है